राजनंदगांव
संस्कार सिटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, ठाकुरटोला, राजनांदगांव में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी, छत्तीसगढ़ अंचल के पहले तिहार “हरेली” मनाया गया परन्तु एक अनोखे पहल ओर विशेष अंदाज में।
प्रत्येक वर्ष महाविद्यालय में “हरेली” के अवसर पर विभिन्न प्रकार के छत्तीसगढ़ी खेलों की प्रतिस्पर्धा का आयोजन कर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार को मनाया जाता था । परंतु इस वर्ष तत्कालीन परिस्थितियों जैसे पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन तथा पृथ्वी के बढ़ते तापमान को देखते हुए , खेल प्रतिस्पर्धाओं के आयोजन के स्थान पर वृक्षा रोपण किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य, डॉ. गुरप्रीत कौर छाबड़ा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय मे हम जिस भी प्रकार से पर्यावरणीय समस्याओं से जूझ रहे है जिसका एक प्रमुख कारण , मानवीय सभ्यता की विकास के नाम पर हो रहे, पेड़ो का अंधाधुंध कटाई है। पेड़ नहीं रहेगा तो ,मानव जीवन कल्पना मात्र रह जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि आज हम पौधे रोपण कर, पर्यावरण को संतुलित करने की ओर एक कदम बढ़ाते है और साथ ही आज किसी भी प्रकार के मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन न कर, उन सभी लोगों के प्रति अपनी नाराजगी प्रदर्शित करते है जो पेड़ो के विनाश का कारण बनते है। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त सहायक आध्यापक एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे साथ ही छात्राध्यापकों द्वारा विभिन प्रकार के स्लोगनों द्वारा पेड़ो की कटाई के कारण होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया।